अप्रैल का महीना था
यह कहानी अप्रैल महीने की है। उस समय बादाम के पेड़ों पर फूल खिले थे। पहाड़ों पर बर्फ़ जमी हुई थी और ठंडी हवा बह रही थी। लेकिन मौसम में वसंत की हल्की खुशबू भी थी। आज नदी के किनारे सब कुछ सुन्दर सा लग रहा था।
नदी का नज़ारा
नदी का पानी गहरा हरा था और शांत खड़ा था। पास के पेड़ों पर कली खिल रही थी। जैसे ही वसंत आएगा हो, यह झील फूलों और कंवलों से भर जाएगी। शाम होते ही आसमान का रंग लाल से काला हो गया और रात का पहला तारा चमक उठा।
लड़की का आना
इसी दौरान एक लड़की दौड़ती हुई आई। उसने लड़के के कंधे पर हाथ रखा और बोली – “हाय! मैं आ गई ।”
उसने बताया कि वह सहेलियों के साथ बादाम के फूलों की खुशी में आज रातभर जागने वाली है। लेकिन पहले वह यहाँ मिलने आई थी। उसके पास खाने की चीज़ें भी थीं – मक्की का भुट्टा, खूबानी और ज़रवालो जो की एक फल है।
नदी की सैर
लड़की ने कहा – “आज पूरे चाँद की रात है, चलो नाव लेकर नदी पर चलते हैं।”
दोनों नाव में बैठ गए। नदी का पानी शांत था और चाँद की रोशनी उसमें चमक रही थी। नाव जैसे रुक गई हो। उन्होंने साथ बैठकर खूबानी और भुट्टा खाया। दोनों बहुत खुश थे।
मासूम प्यार
पूरे चाँद की रात को दोनों के दिल बहुत करीब ले आई। लड़का सोचता रहा कि यह रात हमेशा याद रहेगी। नदी का पानी, पेड़ों की छाँव और चाँदनी सब मिलकर रात को और भी जादुई बना रहे थे ताकि वह इसे याद रख सके।
वक्त का बीतना
लेकिन वक्त धीरे धीरे गुजर गया। दोनों लंबे समय तक साथ नहीं रह पाए। लड़का शहर छोड़ कर चला गया और लड़की ने इंतजार किया, फिर अपनी नई ज़िंदगी बना ली। सालों बाद जब लड़का वापस आया तो वह लड़की बूढ़ी हो चुकी थी।
फिर से मुलाकात होना
बुज़ुर्ग होने के बाद भी जब दोनों मिले तो खुश हुए। दोनों के बच्चे और पोते-पोतियाँ थे। उन्होंने महसूस किया कि इंसान बूढ़ा हो जाता है लेकिन यादें और सच्चा प्यार हमेशा ज़िंदा रहता है वह एक दूसरे को कभी नहीं भूले, अपनी ज़िन्दगी बनाने के बाद भी वह एकदूसरे से बहुत प्यार करते थे।
कहानी से क्या सीख मिलती है
यह कहानी हमें सिखाती है कि –
- असली प्यार समय के साथ भी नहीं मिटता।
- ज़िंदगी बदलती रहती है लेकिन यादें हमेशा दिल में ही रह जाती हैं।
- हर मौसम नई खुशियाँ लेकर आता है।
निष्कर्ष:
पूरे चाँद की रात सिर्फ आसमान की खूबसूरती नहीं होती, यह दिलों को जोड़ने वाली रात भी होती है। समय गुजर जाता है, लोग बदल जाते हैं, लेकिन प्यार, अपनापन और यादे हमेशा इन्सान के साथ ही रहती हैं।